Wednesday, September 26, 2018

चर्चा में रहे लोगों से बातचीत पर आधारित साप्ताहिक कार्यक्रम

दो-तीन साल तक उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली. वे हफ्ते के सातों दिन काम करते थे. वे सुबह उठने के समय भी वीडियो बनाते थे. उनको एडिट करते थे. नये आइडिया सोचते थे और उनको फ़िल्माते थे. वे सोशल मीडिया का सहारा लेते थे. लोगों से मुलाक़ातें करते थे.
इन सबका सेहत पर बुरा असर पड़ा. रैचेल कमज़ोर हो गए. उनकी तबीयत आए दिन बिगड़ जाती थी. फिर भी डेडलाइन पर काम पूरा करने के लिए उनको हफ़्ते में कई बार रात-रात भर जागना पड़ता था.
रैचेल और जुन ने ऐसे विषयों पर वीडियो बनाए जिनके बारे में वे असल में परवाह करते थे. जापान के बारे में पहले इंटरनेट पर बहुत कम सामग्री थी, इसलिए लोग उनके वीडियो पसंद करने लगे.
रैचेल फ़ख़्र से कहते हैं, "हमारे कुछ दर्शक बताते हैं कि वे हमारी वजह से जापान आए या हमारे वीडियो की वजह से उन्होंने जापानी भाषा सीखनी शुरू की. कई लोग किसी शहर को देखने गए क्योंकि हमने वहां के बारे में वीडियो बनाया था."
क्या यू-ट्यूब के वीडियो ने रैचेल और जुन को जापान का सांस्कृतिक राजदूत बनाया है? इस सवाल पर जुन कहती हैं, "मैं ख़ुद को सांस्कृतिक दूत नहीं समझती." रैचेल भी इससे सहमति जताते हैं, "हमने यू-ट्यूब चैनल इसलिए शुरू किया क्योंकि हम ऐसा चाहते थे."
अपने नये वीडियो '50 फैक्ट्स अबाउट जापान' को बनाने में उन्होंने 250 घंटे ख़र्च किए. इतना ज़्यादा समय उन्हें पहले कभी नहीं लगा था.
ग्यारह मिनट के वीडियो में यह दिखाया गया है कि कैसे जापान की सड़कों पर लगे कंस्ट्रक्शन बैरियर जानवरों की शक्ल वाले होते हैं. जापान के लोग आज भी सीडी क्यों ख़रीदते हैं और गर्भनिरोधक गोलियां जापान के लोग पसंद क्यों नहीं करते.
रैचेल और जुन ने इन चीज़ों के बारे में वर्षों तक सोचा, लेकिन 190 देशों में फैले उनके दर्शकों के लिए ये सब एकदम नया है.
उनके दर्शकों में 30 फ़ीसदी अमरीका के हैं. बाकी लोग जापान, ताईवान, जर्मनी, ब्राजील, स्पेन और स्वीडन में फैले हुए हैं. जापान में वीडियो देखकर अंग्रेज़ी सीखने वाले लोगों की तादाद भी अच्छी खासी है.
जे-व्लॉगर्स के वीडियो देखना क्यों पसंद करते हैं लोग?
दुनिया भर में सैलानियों की संख्या बढ़ रही है. 2012 से 2017 के बीच सैलानियों की संख्या 250 फ़ीसदी बढ़ी.
वर्ल्ड टूरिज़्म ऑर्गनाइज़ेशन के मुताबिक़, जापान में सैलानियों की तादाद लगातार छह साल से 10 फ़ीसदी से ज्यादा बढ़ रही है. पिछले साल दो करोड़ 80 लाख विदेशी पर्यटक जापान आए.
जापान सरकार ने 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए 4 करोड़ सैलानियों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है.
यू-ट्यूब के लेफ़्कोविट्ज़ कहते हैं, "यह मेरे लिए दिलचस्प है कि पर्यटन को जे-व्लॉगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है."
लेफ़्कोविट्ज़ कहते हैं कि जापान के पॉप कल्चर, यहां के खान-पान और इतिहास में लोगों की रुचि ने पर्यटन और जे-व्लॉगिंग, दोनों को बढ़ावा दिया है.
"लोग यहां घूमना चाहते हैं. यहां के खान-पान, रीति-रिवाज और संस्कृति के बारे में जानना चाहते हैं. लोग इसके लिए यू-ट्यूब का भी सहारा लेते हैं. इससे हम भी बढ़ रहे हैं."
लेकिन जो विदेशी सैलानी टोक्यो की सड़कों पर चहलकदमी करते हुए हर नुक्कड़ पर रोबोट और पोकेमॉन से मिलने की तमन्ना लेकर आते हैं, उन्हें निराशा हाथ लगती है.
वैसे तो हर देश के बारे में कुछ भ्रांतियां होती हैं, लेकिन जापान के बारे में लगता है कि इसने देश के अजब-ग़ज़ब तत्वों को प्रमुखता दिलाकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जानबूझकर अपने बारे में एक धारणा बनवाई है.
जापान का एक खेल इंटरनेट पर बहुत लोकप्रिय है जिसमें दो खिलाड़ी एक प्लास्टिक ट्यूब में फूंक मारकर एक-दूसरे के मुंह में ज़िंदा कॉकरोच घुसाने की कोशिश करते हैं.
रैचेल कहते हैं, "मुझे लगता है कि ज़मीनी लोगों से असलियत जानना अच्छा है. कई लोग सोचते हैं कि जापान एक अलग तरह का देश है. लेकिन यहां वे देखते हैं कि जापान दूसरे देशों जैसा ही एक देश है."
रैचेल और जुन कई बार जापान के नकारात्मक पक्षों को भी दिखाते हैं.
इसी साल टोक्यो मेडिकल यूनिवर्सिटी ने यह स्वीकार किया कि उसने दाख़िला परीक्षा के अंकों में छेड़छाड़ की थी ताकि कम लड़कियां एडमिशन ले सकें.
रैचेल और जुन ने इस पर भी एक वीडियो बनाया, जिसमें सोशल मीडिया पर जापान की महिलाओं की प्रतिक्रिया को शामिल किया गया. उन्होंने जापान में लैंगिक भेदभाव पर फ़ोकस किया, जो बाद में 'मी टू' आंदोलन में उभरकर सामने आया.
स्काइप पर इंटरव्यू के दौरान रैचेल बताते हैं कि दुनिया भर में जापान के बारे में भ्रांतियां फैली हैं. इसे 'निराले जापान' के रूप में देखा जाता है. हंसी-मज़ाक वाले जापानी खेलों और धींगामस्ती करने वाले मसखरों से इंटरनेट की दुनिया भरी है.
रैचेल और जुन की बातचीत में दो संस्कृतियों की विशेषताएं उभरकर सामने आती हैं. पति-पत्नी उसी तरह बात करते हैं, जिस तरह उनके दर्शक अपने-अपने देशों में करते हैं.
रैचेल कहते हैं, "किसी वीडियो में दोनों तरह के दृष्टिकोण का आना अच्छा है. मुझे लगता है कि हमारे चैनल की सफलता के पीछे यह भी एक कारण है."

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